Saturday 18 March 2017

// // Leave a Comment

पंचमुखी हनुमान मंत्र

मंत्र  – ॐ हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा
गुरुदेव से मंत्र दीक्षा लेकर रुद्राक्ष, मूंगे अथवा लाल चन्दन की माला से सवा लाख मंत्रो का जप करें। हनुमान जी बहुत ही उग्र एवं त्वरित फल देने वाले देवता हैं इसलिए इनकी साधना में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है। साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें। भगवान शंकर , प्रभु राम एवं सीता जी का नित्य पूजन भी अवश्य करना चाहिए । यदि साधना काल में कभी भय लगे अथवा घबराहट हो तो तुरंत अपने गुरु का ध्यान करें एवं हनुमान जी को राम जी की सौगंध देकर प्रार्थना करें। उसके बाद जब तक आप सामान्य ना हो जाएँ तब तक भगवान राम एवं सीता जी का ही ध्यान करें।

0 comments:

Post a Comment